Nabi ka Zikr hi Khuda ka Zikr hai
Nabi ki Baat hi Khuda ki Baat hai
Yadullah keh diya to saabit ho gaya
Nabi ka Haath hi Khuda ka Haath hai
Nabi ka Zikr hi Khuda ka Zikr hai
Nabi ki Baat hi Khuda ki Baat hai
Nabi ka Lab par Jo Zikr hai bemisaal aaya Kamaal aaya
Jo Hijre Taybaah mein yaad ban kar, khayaal aaya Kamaal aaya
Teri Duaaon hi ki badolat, Azaabe Rabb se bache hue hein
Jo haq mein ummat ke Tere Lab par Sawaal aaya Kamaal aaya
Kausar bhi Inhin ki hai , Jannat bhi Inhin ki hai
Sach Puchho to Allah ki , Har Cheez Inhin ki hai
Na Ban saki hai Na ban sakega misaal Teri Jawaab Tera
Tu Shaahe Khubaan, Tu Jaane Jaanaan
Hai Chehra Ummul Kitaab Tera
Tu Sabse Awwal Tu Sabse Aakhir
Mila hai Husne Dawaam Tujko
Hai Umr Lakhon Baras ki Teri
Magar hai Taaza Shabaab Tera
Apni Rehmat ke Samandar mein Utar jaane de
Bethikaana hun ajal se , Muje Ghar jaane de
Maut par Meri Shaheedon ko bhi rashk aayega
Apne Qadmon se lipat kar Muje Mar jaane de
Kausar bhi Inhin ki hai , Jannat bhi Inhin ki haनबी का ज़िक्र ही खुदा का ज़िक्र है
नबी की बात ही खुदा की बात है
यदुल्लाह कह दिया तो साबित हो गया
नबी का हाथ ही खुदा का हाथ है
नबी का ज़िक्र ही खुदा का ज़िक्र है
नबी की बात ही खुदा की बात है
नबी का लब पर जो ज़िक्र है बेमिसाल आया कमाल आया
जो हिज्रे तयबाह में याद बन कर, ख़याल आया कमाल आया
तेरी दुआओं ही की बदौलत, अज़ाबे रब्ब से बचे हुए हैं
जो हक़ में उम्मत के तेरे लब पर सवाल आया कमाल आया
कौसर भी इन्हीं की है, जन्नत भी इन्हीं की है
सच पूछो तो अल्लाह की हर चीज़ इन्हीं की है
न बन सकी है न बन सकेगा मिसाल तेरी जवाब तेरा
तू शाहे ख़ुबाँ, तू जाने जानां
है चेहरा उम्मुल किताब तेरा
तू सबसे अव्वल तू सबसे आखिर
मिला है हुस्ने दवाम तुझको
है उम्र लाखों बरस की तेरी
मगर है ताज़ा शबाब तेरा
अपनी रेहमत के समंदर में उतर जाने दे
बेठिकाना हूँ अजल से , मुझे घर जाने दे
मौत पर मेरी शहीदों की भी रश्क आएगा
अपने क़दमों से लिपट कर मुझे मर जाने दे
कौसर भी इन्हीं की है, जन्नत भी इन्हीं की है
यदुल्लाह कह दिया तो साबित हो गया
नबी का हाथ ही खुदा का हाथ है
नबी का ज़िक्र ही खुदा का ज़िक्र है
नबी की बात ही खुदा की बात है
नबी का लब पर जो ज़िक्र है बेमिसाल आया कमाल आया
जो हिज्रे तयबाह में याद बन कर, ख़याल आया कमाल आया
तेरी दुआओं ही की बदौलत, अज़ाबे रब्ब से बचे हुए हैं
जो हक़ में उम्मत के तेरे लब पर सवाल आया कमाल आया
कौसर भी इन्हीं की है, जन्नत भी इन्हीं की है
सच पूछो तो अल्लाह की हर चीज़ इन्हीं की है
न बन सकी है न बन सकेगा मिसाल तेरी जवाब तेरा
तू शाहे ख़ुबाँ, तू जाने जानां
है चेहरा उम्मुल किताब तेरा
तू सबसे अव्वल तू सबसे आखिर
मिला है हुस्ने दवाम तुझको
है उम्र लाखों बरस की तेरी
मगर है ताज़ा शबाब तेरा
अपनी रेहमत के समंदर में उतर जाने दे
बेठिकाना हूँ अजल से , मुझे घर जाने दे
मौत पर मेरी शहीदों की भी रश्क आएगा
अपने क़दमों से लिपट कर मुझे मर जाने दे
कौसर भी इन्हीं की है, जन्नत भी इन्हीं की है