मरहबा, मरहबा, मरहबा, मरहबा
मरहबा, मरहबा, मरहबा, मरहबा
या नबी शम्सुद्दुह़ा, या नबी बदरुद्दुजा
या नबी ख़ैरुलवरा, या नबी या नबी
या नबी, या नबी, या नबी, या नबी
मरहबा ए जाने-जानां, जाने-ईमां या नबी
मरहबा महबूबे-यज़दां, शाहे-ख़ूबां या नबी
आप आए रोशनी फ़ैली, अँधेरा छट गया
मरहबा सद मरहबा ए मेहरे-ताबां या नबी
मरहबा, मरहबा, मरहबा, मरहबा
मरहबा ए जाने-जानां, जाने-ईमां या नबी
अव्वलो-आख़िर सब कुछ जाने, देखे बईदो-क़रीब
ग़ैब की ख़बरें देने वाला, अल्लाह का वो हबीब
प्यारी सूरत हँसता चेहरा, मुँह से जड़ते फ़ूल
हुस्ने-सरापा, नूर का पैकर, हक़ का प्यारा रसूल
या नबी शम्सुद्दुह़ा, या नबी बदरुद्दुजा
या नबी ख़ैरुलवरा, या नबी या नबी
या नबी, या नबी, या नबी, या नबी
बहरो-बर, शम्सो-क़मर, हूरों मलक, जिन्नो-बशर
दो-जहां है आप ही के ज़ेरे-एहसां या नबी
मरहबा ए जाने-जानां, जाने-ईमां या नबी
आप की आमद का सदक़ा दोनों आलम पा गए
हम गदाओं का भी भर दे आज दामां या नबी
मरहबा, मरहबा, मरहबा, मरहबा
मरहबा ए जाने-जानां, जाने-ईमां या नबी
सरकार जेया सोहणा, आया ए न आणा ए
ना रब ने बणाया ए, ना रब ने बनाणा ए
बहरो-बर, शम्सो-क़मर, हूरों मलक, जिन्नो-बशर
दो-जहां है आप ही के ज़ेरे-एहसां या नबी
मरहबा ए जाने-जानां, जाने-ईमां या नबी
आप की आमद का सदक़ा दोनों आलम पा गए
हम गदाओं का भी भर दे आज दामां या नबी
मरहबा, मरहबा, मरहबा, मरहबा
मरहबा ए जाने-जानां, जाने-ईमां या नबी
सरकार जेया सोहणा, आया ए न आणा ए
ना रब ने बणाया ए, ना रब ने बनाणा ए
या नबी शम्सुद्दुह़ा, या नबी बदरुद्दुजा
या नबी ख़ैरुलवरा, या नबी या नबी
या नबी, या नबी, या नबी, या नबी
हो हमारी क़ब्र रोशन, हम शबे-मीलाद में
आप की उल्फ़त में करते हैं चरागां या नबी
मरहबा, मरहबा, मरहबा, मरहबा
मरहबा ए जाने-जानां, जाने-ईमां या नबी
नसीब चमके हैं फर्शियों के, के अर्श के चाँद आ रहे हैं
झलक से जिस की फ़लक है रोशन, वो शम्स तशरीफ़ ला रहे हैं
निसार तेरी चहल-पहल पर, हज़ारों ईदें रबीउल-अव्वल
सिवाए-इब्लीस के जहां में सभी तो ख़ुशियाँ मना रहे हैं
या नबी शम्सुद्दुह़ा, या नबी बदरुद्दुजा
या नबी ख़ैरुलवरा, या नबी या नबी
हो हमारी क़ब्र रोशन, हम शबे-मीलाद में
आप की उल्फ़त में करते हैं चरागां या नबी
मरहबा, मरहबा, मरहबा, मरहबा
मरहबा ए जाने-जानां, जाने-ईमां या नबी
नसीब चमके हैं फर्शियों के, के अर्श के चाँद आ रहे हैं
झलक से जिस की फ़लक है रोशन, वो शम्स तशरीफ़ ला रहे हैं
निसार तेरी चहल-पहल पर, हज़ारों ईदें रबीउल-अव्वल
सिवाए-इब्लीस के जहां में सभी तो ख़ुशियाँ मना रहे हैं
या नबी शम्सुद्दुह़ा, या नबी बदरुद्दुजा
या नबी ख़ैरुलवरा, या नबी या नबी
या नबी, या नबी, या नबी, या नबी
लोग कहते हैं उबैदे-क़ादरी को ना'तख्वां
आप भी कह दें इसे अपना सनाख़्वां या नबी
मरहबा ए जाने-जानां, जाने-ईमां या नबी
मरहबा, मरहबा, मरहबा, मरहबा
मरहबा ए जाने-जानां, जाने-ईमां या नबी
शायर:
ओवैस रज़ा क़ादरी (उबैद रज़ा)
नातख्वां:
ओवैस रज़ा क़ादरी
लोग कहते हैं उबैदे-क़ादरी को ना'तख्वां
आप भी कह दें इसे अपना सनाख़्वां या नबी
मरहबा ए जाने-जानां, जाने-ईमां या नबी
मरहबा, मरहबा, मरहबा, मरहबा
मरहबा ए जाने-जानां, जाने-ईमां या नबी
शायर:
ओवैस रज़ा क़ादरी (उबैद रज़ा)
नातख्वां:
ओवैस रज़ा क़ादरी