मदीने के आक़ा ! मदीने के सरवर !
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
'अरब के दरिंदों को इंसान बनाए
सबक आदमियत का उनको सिखाए
दिया दरस-ए-तौहीद क़िस्मत जगा कर
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
'अरब के दरिंदों को इंसान बनाए
सबक आदमियत का उनको सिखाए
दिया दरस-ए-तौहीद क़िस्मत जगा कर
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
मदीने के आक़ा ! मदीने के सरवर !
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
जफ़ाओं के बदले वफ़ाएं तुम्हारी
सितम-गर के हक़ में दुआएं तुम्हारी
अजब सब्र का आलम अल्लाहु अकबर
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
जफ़ाओं के बदले वफ़ाएं तुम्हारी
सितम-गर के हक़ में दुआएं तुम्हारी
अजब सब्र का आलम अल्लाहु अकबर
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
मदीने के आक़ा ! मदीने के सरवर !
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
इस उम्मत की खातिर खून बहाए
इस उम्मत की खातिर घर को लुटाए
इस उम्मत की खातिर एक दिन न सोए
इस उम्मत की खातिर शब्-ओ-रोज़ रोए
इस उम्मत पे आक़ा ! करम है तुम्हारा
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
इस उम्मत की खातिर खून बहाए
इस उम्मत की खातिर घर को लुटाए
इस उम्मत की खातिर एक दिन न सोए
इस उम्मत की खातिर शब्-ओ-रोज़ रोए
इस उम्मत पे आक़ा ! करम है तुम्हारा
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
मदीने के आक़ा ! मदीने के सरवर !
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
ये ज़ालिम है दुनिया जफ़ाकर सब हैं
नहीं कोई आक़ा जहाँ में हमारा
छुपा लीजिये अपनी कमली में आक़ा !
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
ये ज़ालिम है दुनिया जफ़ाकर सब हैं
नहीं कोई आक़ा जहाँ में हमारा
छुपा लीजिये अपनी कमली में आक़ा !
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
मदीने के आक़ा ! मदीने के सरवर !
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
हुए ख़त्म आमद पे अपनी अँधेरे
हुए सुर्खरू दो जहाँ में उजाले
के कलमा पड़े अपनी मुट्ठी में कंकर
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
मदीने के आक़ा ! मदीने के सरवर !
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
हुए ख़त्म आमद पे अपनी अँधेरे
हुए सुर्खरू दो जहाँ में उजाले
के कलमा पड़े अपनी मुट्ठी में कंकर
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
मदीने के आक़ा ! मदीने के सरवर !
दुरूद आप पर हो सलाम आप पर हो
! مدینے کے آقا ! مدینے کے سرور
! مدینے کے آقا ! مدینے کے سرور
درود آپ پر ہو ، سلام آپ پر ہو
عرب کے درندوں کو انسان بنایا
سبق آدمیت کا سبکو سکھایا
دیا درسِ توحید قسمت جگا کر
درود آپ پر ہو ، سلام آپ پر ہو
! مدینے کے آقا ! مدینے کے سرور
درود آپ پر ہو ، سلام آپ پر ہو
جفاؤں کے بدلے ، وفائیں تمہاری
ستمگر کے حق میں دیں تمہاری
عجب صبر کا عالم ، اللهُ اکبر
درود آپ پر ہو ، سلام آپ پر ہو
! مدینے کے آقا ! مدینے کے سرور
درود آپ پر ہو ، سلام آپ پر ہو
اس امّت کی خاطر ، خون بہاے
اس امّت کی خاطر گھر کو لُٹاے
اس امّت کی خاطر ایک دن نہ سوے
اس امّت کی خاطر شب و روز روے
اس امّت پے آقا ! کرم آپکا ہے
درود آپ پر ہو ، سلام آپ پر ہو
! مدینے کے آقا ! مدینے کے سرور
درود آپ پر ہو ، سلام آپ پر ہو
یہ ظالم ہے دنیا ، جفاکار سب ہیں
نہیں کوئی آقا جہاں میں ہمارا
چھپا لیجئے اپنی کملی میں آقا !
درود آپ پر ہو ، سلام آپ پر ہو
! مدینے کے آقا ! مدینے کے سرور
درود آپ پر ہو ، سلام آپ پر ہو
ہوئے ختم آمد پے اپنی اندھیرے
ہوئے سرخ رُو دو جہاں میں اجالے
کے کلمہ پڑھے اپنی مٹھی میں کنکر
درود آپ پر ہو ، سلام آپ پر ہو
! مدینے کے آقا ! مدینے کے سرور
درود آپ پر ہو ، سلام آپ پر ہو